
दंतेवाड़ा। बस्तर रेंज में छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास-मूलक ‘‘पूना मारगेम’’ (पुनर्वास से पुनर्जीवन) पहल लगातार प्रभाव दिखा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को कुल 37 माओवादी—जिनमें 27 इनामी शामिल हैं—ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।
डीआरजी कार्यालय, दंतेवाड़ा में आयोजित इस सरेंडर कार्यक्रम में बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., दंतेवाड़ा रेंज के डीआईजी कमलोचन कश्यप, जगदलपुर रेंज के डीआईजी एस. अरूल कुमार, सीआरपीएफ के डीआईजी राकेश चौधरी व दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय मौजूद रहे। पूरी प्रक्रिया में डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, विशेष आसूचना शाखा और सीआरपीएफ की कई टीमों की अहम भूमिका रही।
27 इनामी माओवादी, कुल इनाम राशि 65 लाख
पुलिस के अनुसार, सरेंडर करने वालों में कई वर्षों से सक्रिय और कई नक्सली वारदातों में शामिल संगठन स्तर के सदस्य भी हैं। कुल 27 इनामी माओवादियों पर 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सरेंडर करने वाले प्रमुख नाम इस प्रकार हैं—
- कुमली उर्फ अनिता मंडावी — कंपनी नंबर 06 सदस्य/एसजेडसीएम कमलेश की गार्ड (इनाम 8 लाख)
- गीता उर्फ लख्मी मड़काम — कंपनी नंबर 10 सदस्य (इनाम 8 लाख)
- रंजन उर्फ सोमा मंडावी — कंपनी नंबर 06 सदस्य (इनाम 8 लाख)
- भीमा उर्फ जहाज कलमू — कंपनी नंबर 02 सदस्य (इनाम 8 लाख), कई बड़ी वारदातों में शामिल
- क्रांति उर्फ पोदिये गावड़े — एसीएम, आमदई एरिया कमेटी (इनाम 5 लाख)
इसके अलावा अन्य 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार इनामी सदस्यों ने भी आत्मसमर्पण किया। कुल 37 माओवादियों की विस्तृत सूची पुलिस ने जारी कर दी है।
कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रहे थे आतंककारी
पुलिस के अनुसार—
- कुछ माओवादी 2024 में गोबेल और थुलथुली जंगल में हुई मुठभेड़ों में शामिल थे।
- भीमा उर्फ जहाज 2019 और 2020 में भैरमगढ़-कश्कुतुल तथा मिनपा के बड़े हमलों में शामिल था, जिनमें 26 जवान शहीद हुए थे।
- अन्य सदस्य नक्सली बंद सप्ताह के दौरान सड़क काटने, पेड़ गिराने, दबंग गतिविधियों और प्रचार सामग्री लगाने जैसी घटनाओं में सक्रिय थे।
पुनर्वास नीति के तहत मिलेगी मदद
सरेंडर करने वाले सभी माओवादियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता, साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएँगी, ताकि वे सम्मानजनक भविष्य बना सकें।
20 महीनों में 508 से अधिक माओवादी सरेंडर
पिछले 20 महीनों में सरकार की पुनर्वास नीति और पुलिस की पहल का बड़ा असर दिखा है। इस अवधि में 165 इनामी सहित 508 से अधिक माओवादी हिंसा छोड़कर सरेंडर कर चुके हैं।
वहीं लोन वर्राटू अभियान के अंतर्गत अब तक 333 इनामी सहित 1160 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें 916 पुरुष और 244 महिला माओवादी शामिल हैं।
पुलिस की अपील — ‘‘हिंसा छोड़ें, मुख्यधारा से जुड़ें’’
पुलिस और जिला प्रशासन ने माओवादियों से अपील की है कि वे ‘‘पूना मारगेम’’ की सोच को अपनाएं, हिंसा का मार्ग त्यागें और समाज व परिवार के दायित्वों को निभाते हुए नए जीवन की शुरुआत करें।














